Friday, September 23, 2011

ladki hai yaah pagali siiiiiiiii

ladki hai ye pagli si,
kuch uljhhi kuch suljhhi si
lagti ek par aanek hai ye
hai model phir bhi itani simple
goli hai par itni bholi
jano me unjan hai,
unjano me bhi pahchan hai vo
kahti nih par sab samjhhe hai,
nature hai simple par hai feature advance
janeti sab hai par manti nhi.
khegi raat bhar par yaad nhi aaigi
darti hai par sabkarti hai,
pahchan nhi pati hai khud ko
par sab ko samjhti hai
ladki hai ye pagli siiiiiii

Sunday, September 11, 2011

meri maa




Zindagi ki tapti dhoop mai ek thanda saya paya hai mai ne
Jab kholi aankh to apni maa ko muskorata howa paya hai mai ne

Jab bhi maa ka naam liya,
Os ka beshomaar pyar paya hai mai ne

Jab koi dard mehsoos howa, jab koi mushkil aayi
Apne pehlo mai apni maa ko paya hai mai ne

Jaagti rahi who raat bhar mere liye
Jaane kitni raatein, osay jagaya hai mai ne

Zindagi ke har moadh(mor) par, jab howi gumrah mai
Iski hidaayat par, pakarli seedhi raah mai ne

Jis ki dua se har moseebat loat jaye,
Aisa farishta paya hai mai ne

Meri har fiker ko janne wali,
Mere jazbaaton ko pehcanne wali,
Aisi hasti payi hai mai ne

Meri zindagi sirf meri maa hai,
Isi ke liye to,
Is zindagi ki shama jala rakkhi hai mai ne
Badnaam Zamane Me Mohabbat Nahi Karte
Dil Wale Toh Dushman Se Bhi Nafrat Nahi Karte
Ek Baar Jise Chaha Sadaa Ussi Ke Rahe Phir
Hum Amanat Me Qiyanat Nahi Karte
Tanhiye Me Karte Hain Yaad Aanso Bahakar
Zahir Phir Hum Apni Ibadat Nahi Karte
Waqt Aane Pe Yeh Maloom Hojayega Tumhe
Hum Sirf Dikhawe Ki mohabbat Nahi Karte
Likhte Hain Faqat Tumhare Liye Ghazalein
Har Shaqs Pe Hum Aisi Inayat Nahi Karte

Friday, April 29, 2011

लौकी का हलवा

विधि :

लौकी को छीलकर अच्छी तरह धो लें। फिर कस लें। अब एक गहरे और भारी तले वाले पैन में लौकी और चीनी को एकसाथ मिलाकर मध्यम आंच पर तब तक पकाएं जब तक कि पानी सूख न जाए। लगातार चलाते हुए पकाएं। ध्यान रखें कि इतना भी न सूखे कि वह पैन से चिपकने या जलने लग जाए।

अब खोए को मैश करके डालें और अच्छी तरह मिलाएं। फिर देसी घी और सभी मेवे डालकर खूब अच्छी तरह भूनें। आंच से उतारकर हलका ठंडा करें और सर्विग डिश में पलटकर ऊपर से इलायची पाउडर डालकर सर्व करें।



सामग्री :

1 किग्रा. लौकी, 250 ग्राम चीनी, 250 ग्राम खोया 5 ग्राम इलायची पाउडर, 25 ग्राम भीगे, छिले व कटे हुए बादाम, 20 ग्राम किशमिश, 400 ग्राम देसी घी।

कितने लोगों के लिए : 6

बेसन की बर्फी

विधि :

बेसन को 150 ग्राम घी में मिला दें। कड़ाही में बचे हुए घी को डालकर बेसन को सुनहरा होने तक फ्राई कर लें। अब उसमें खोया मिलाएं और थोड़ी देर धीमी आंच पर रखने के बाद उतार लें।

अब एक तार वाली चीनी की चाशनी बनाकर भुने हुए बेसन में मिला दें। अब इस मिश्रण को तेल लगे हुए प्लेट में डालकर फैला दें। उसे कटे हुए बादाम और पिस्ते से सजाएं। ठंडा होने पर मनचाहे आकार में काटकर सर्व करें।




सामग्री :

500 ग्राम बेसन, 250 ग्राम चीनी, 50 ग्राम खोया, 10 बारीक कटे बादाम, 2 टी स्पून इलायची पाउडर, 250 ग्राम घी।

कितने लोगों के लिए : 8

mahi tripathi

पापड़ी चाट





विधि :

पापड़ी के लिए:

जीरा और अजवायन को पीस लें। मैदा, आटा, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी, नमक, हींग, तेल और पिसी हुई अजवायन जीरा मिलाकर सख्त गूंध लें। छोटी-छोटी पापडि़या बनाकर गरम तेल में तल लें।

हरी चटनी:

नारियल को कद्दूकस कर लें अब इसमें हरा धनिया, नमक, नींबू का रस और हरी मिर्च डालकर बारीक पीस लें।

लाल चटनी:

खजूर और इमली को एक साथ उबालकर अच्छी तरह मैश कर लें। पानी डालकर पकाये मिक्सी में डालकर एकसार कर लें अब इसमें नमक और लाल मिर्च पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें।

दही के लिए:

दही को फेंट कर उसमें चीनी और नमक मिला लें। तेल को गरम करके उसमें सरसों, जीरा और करी पत्ता डालकर चटकने दें और दही में डालकर मिला लें।

आलू को उबालकर छोटे टुकड़ों में काट लें। अब इसमें नमक और चाट मसाला मिला लें। सर्व करने के लिए एक प्लेट में पापड़ी को डालें अब ऊपर से आलू के टुकड़े डाल दें, 3 टे.स्पून दही डालकर मिला लें, 1 टी स्पून हरी चटनी और लाल चटनी भी डाल दें। ऊपर से लाल मिर्च पाउडर, चाट मसाला और बारीक कटे हरे धनिये से सजाकर सर्व करें।


सामग्री :

पापड़ी के लिए:

1-1/2 कप आटा, 3 कप मैदा, 1/4 कप तेल, 1 टी स्पून लाल मिर्च पाउडर, 1/2 टी स्पून हल्दी पाउडर, 1/4 टी स्पून हींग, 1 टी स्पून जीरा, 1 टी स्पून अजवायन, 2 टे.स्पून तेल, नमक स्वादानुसार।

हरी चटनी के लिए:

50 ग्राम हरा धनिया, 1/2 कप कसा हुआ नारियल, 1 टी स्पून नींबू का रस, 1 हरी मिर्च, नमक स्वादानुसार।

लाल चटनी के लिए:

4-5 खजूर, 1 टे.स्पून इमली, 1/4 टी स्पून लाल मिर्च पाउडर, नमक स्वादानुसार।

दही के लिए:

4 कप दही, 3 टे. स्पून चीनी, 2-3 करी पत्ता, 1/4 टी स्पून सरसों के दाने, 1/4 टी स्पून जीरा, नमक स्वादानुसार, 2 टी स्पून तेल।

सर्रि्वग के लिए:

2 आलू, बारीक कटा हरा धनिया।

कितने लोगों के लिए : 5





(MAHI TRIPATHI)

सूजी के गोलगप्पे व पानी

विधि :

सबसे पहले सूजी को एक बड़ी थाली में छान लें। उसमें चुटकी भर मीठा सोडा मिलाएं। एक कड़ाही में तेल गरम करें। इस तेल को सूजी में मिलाकर आटे की तरह गूंध लें और छोटी-छोटी लोइयां बनाएं। इन लोइयों को गीले सूती कपड़े से ढक दें। करीब 15 मिनट बाद कड़ाही में रिफाइंड गरम करें। एक-एक लोई को चकले पर बेलें और पूरी की तरह कड़ाही में तलें और किसी सोफ्ट कागज पर फैला दें, लीजिए तैयार हैं, सूजी के गोलगप्पे।

पानी के लिए:

सफेद व काला नमक, लाल, पीली व काली मिर्च व जीरा इन सभी मसालों को आधे गिलास पानी में 5 मिनट के लिए भिगो दें। बाकी बचे पानी में इमली या सीट्रिक एसिड मिलाएं। चीनी भी घोल दें। अब इसमें धनिया पुदीना पेस्ट भी मिलाएं। फिर गिलास वाला मसाले का पानी भी मिला दें। जब अच्छी तरह घुल जाए तो हींग डालें व थोड़ी सी बर्फ भी मिलाएं। ठंडा होने पर गोलगप्पे के साथ परोसें। अगर नमकीन पानी पसंद है तो चीनी न मिलाएं।


सामग्री :

500 ग्राम सूजी, चुटकी भर मीठा सोडा, तेल सूजी में मिलाने व तलने के लिए।

पानी की सामग्री:-

2 लीटर शुद्ध पानी, 2 टी स्पून सफेद नमक, 2 टी स्पून काला नमक, 2 टी स्पून लाल मिर्च, 2 टी स्पून पीली मिर्च पाउडर, 2 टी स्पून काली मिर्च, 1 टी स्पून जीरा भुना हुआ, 2 कप इमली खटाई अथवा आधा टी स्पून सिट्रिक एसिड, 300 ग्राम चीनी, आधा कप हरा धनिया व पुदीना (पिसा हुआ), चुटकी भर हींग।

कितने लोगों के लिए : 10

(MAHI TRIPATHI)
पीनट चाट



विधि :

1. सबसे पहले एक पैन में मूंगफली उबालें और इसे उबालते समय इसमें एक छोटा चम्मच नमक डालें।

2. जब उबल जाए तब छानकर पानी अलग करें।

3. अब एक अलग पैन में मूंगफली व सारी सामग्री एक साथ अच्छी तरह मिलाएं। हरी धनिया से सजाकर सर्व करें।


सामग्री :

300 ग्राम मूंगफली, 150 ग्राम बारीक कटा हुआ टमाटर, 1 प्याज स्वादानुसार बारीक कटी हुई हरी मिर्च, स्वादानुसार नमक, स्वादानुसार लाल मिर्च पाउडर, 1 टी स्पून चाट मसाला, स्वादानुसार नीबू का रस, बारीक कटी हुई हरी धनिया।

कितने लोगों के लिए : 4

Saturday, April 16, 2011

दिल तक तो अब ये हमारा नहीं



इस क़दर तुम तो अपने क़रीब आ गए
कि तुम से बिछड़ना गवारा नहीं

ऐसे बांधा मुझे अपने आगोश में
कि ख़ुद को अभी तक सँवारा नहीं

अपनी ख़ुश्बू से मदहोश करता मुझे
दूसरा कोई ऐसा नज़ारा नहीं

दिल की दुनिया में तुझको लिया है बसा
तुम जितना मुझे कोई प्यारा नहीं

दिल पे मरहम हमेशा लगाते रहे
आफ़तों में भी मुझको पुकारा नहीं

अपना सब कुछ तो तुमने है मुझको दिया
रहा दिल तक तो अब ये हमारा नहीं

हमसफ़र तुम हमारे हमेशा बने
इस ज़माने का कोई सहारा नहीं

साथ देते रहो तुम मेरा सदा
मिलता ऐसा जनम फिर दुबारा नहीं

बचपन के दिन

टिमटिम तारे, चंदा मामा
माँ की थपकी मीठी लोरी
सोंधी मिट्टी, चिड़ियों की बोली
लगती प्यारी माँ से चोरी

सुबह की ओस सावन के झूले
खिलती धूप में तितली पकड़ना
माँ की घुड़की, पिता का प्यार
रोते रोते हँसने लगना

पल में रूठे, पल में हँसते
अपने-आप से बातें करना
खेल-खिलौने, साथी-संगी
इन सबसे पल भर में झगड़ना

लगता है वो प्यारा बचपन
शायद लौट के न आए
जहाँ उसे छोड़ा था हमने
वहीं पे हमको मिल जाए


17 april 2011